प्रश्न- लोक कितने होते हैं? नाम बताओ?
उत्तर- लोक तीन होते हैं-१.ऊर्ध्वलोक २. मध्यलोक और ३. अधोलोकप्रश्न- तीन लोक का आकार कैसा है?
उत्तर- तीन लोक का आकार पुरुषाकार है।प्रश्न- तीन लोक की ऊँचाई बताते हुए प्रत्येक लोक की अलग-अलग ऊँचाई बतावें?
उत्तर- तीन लोक की ऊँचाई १४ राजु है जिसमें ७ राजु में ऊध्र्वलोक एवं ७ राजु में अधोलोक है इन दोनों के मध्य में ९९ हजार ४० योजन ऊँचा मध्यलोक है जो कि ऊध्र्वलोक का कुछ भाग है।प्रश्न- तीन लोक में कितने अकृत्रिम चैत्यालय हैं?
उत्तर- तीन लोक में असंख्यात् अकृत्रिम चैत्यालय हैं।प्रश्न- ऊर्ध्व लोक में क्या-क्या है?
उत्तर- ऊर्ध्व लोक में १६ स्वर्ग, ९ ग्रैवेयक, ९ अनुदिश और पाँच अनुत्तर हैं जिसके ऊपर सिद्ध शिला है जिसमें अनंतानंत सिद्ध भगवान विराजमान हैं।प्रश्न- १६ स्वर्गों के नाम बताओ?
उत्तर- सौधर्म, ईशान, सनत्कुमार, माहेन्द्र, ब्रह्म, ब्रह्मोत्तर, लावंत, कापिष्ठ, शुक्र, महाशुक्र, शतार, सहस्रार, आनत, प्राणत, आरण और अच्युत इस प्रकार यह सोलह स्वर्ग हैं।प्रश्न- ९ ग्रैवेयक व ९ अनुदिश कौन-कौन से हैं?
उत्तर- अधस्तन ३, मध्यम ३ और उपरिम ३ ऐसे नौ ग्रैवेयक हैं। अर्चि, अर्चिमालिनी, वैर, वैरोचन ये चार दिशा में होने से श्रेणीबद्ध एवं सोम, सोमरूप, अंक और स्फटिक ये चार विदिशा में होने से प्रकीर्णक एवं मध्य में आदित्य नाम का विमान है ये ९ अनुदिश हैं।प्रश्न- पाँच अनुत्तर ने नाम बताओ?
उत्तर- विजय, वैजयन्त, जयन्त, अपराजित एवं सर्वाद्र्धसिद्धि ये पाँच अनुत्तर विमान हैं।प्रश्न- स्वर्ग में देवों की पूर्ति कहाँ के जीवों से होती है?
उत्तर- आधा स्वयम्भूरमण द्वीप और सम्पूर्ण स्वम्भूरमण समुद्र में असंख्यातों पंचेन्द्रिय तिर्यंच हैं जो अगर सम्यग्दृष्टि, देशवृती या अणुव्रती हो जायें तो उनसे स्वर्ग के देवों की पूर्ति होती है।प्रश्न- प्रत्येक अकृत्रिम चैत्यालय में कितनी प्रतिमायें होती हैं?
उत्तर- प्रत्येक आकृत्रिम चैत्यालय में १०८-१०८ प्रतिमायें होती हैं।प्रश्न- देव कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर- देव चार प्रकार के होते हैं-भवनवासी, व्यन्तरवासी, ज्योर्तिवासी और कल्पवासी।प्रश्न- भवनवासी देव कहाँ रहते हैं?
उत्तर- अधोलोक की रत्नप्रभा पृथ्वी के खर भाग में असुरकुमार जाति के देवों को छोड़कर नौ प्रकार के देव रहते हैं।प्रश्न- व्यन्तरवासी देव कहाँ रहते हैं?
उत्तर- रत्नप्रभा पृथ्वी के खरभाग में व्यन्तर देवों के सात भेद रहते हैं और पंक भाग में राक्षस जाति के व्यन्तर देवों के निवास हैं। वैसे तीनों लोकों में व्यन्तर देवों के निवास हैं जहाँ सरोवर, पर्वत,नदी, भवन आदि में वे रहते हैं।प्रश्न- कल्पवासी देव कहाँ रहते हैं?
उत्तर- कल्पवासी देव सोलह स्वर्गों में रहते हैं।प्रश्न- ज्योर्तिवासी देव कहाँ रहते हैं?
उत्तर- ढ़ाई द्वीप और दो समुद्रों में ज्योतिषी देव निरन्तर गमन करते हैं।प्रश्न- देवों के दस भेद कौन से हैं?
उत्तर- इन्द्र, सामानिक, त्रायस्त्रिंश, पारिषद, आत्मरक्ष, लोकपाल, अनीक, प्रकीर्णक, आभियोग्य और किविल्षक ये देवों के १० भेद होते हैं।प्रश्न- भवनवासी के दस भेद बतावें?
उत्तर- असुरकुमार, नागकुमार, सुपर्णकुमार, द्वीपकुमार, दिक्कुमार, उदधिकुमार, स्तनिकुमार, विद्युत्कुमार, अग्निकुमार और वायुकुमार ये भवनवासी देवों के दस भेद हैं।प्रश्न- व्यंतरों के भेद बतावें?
उत्तर- व्यंतर देवों के आठ भेद हैं-किन्नर, किंपुरुष, महोरग, गंधर्व, यक्ष, भूत, पिशाच, और राक्षस।प्रश्न- ज्योतिष्क के कितने भेद हैं?
उत्तर- ज्योतिष्क देवों के पाँच भेद हैं- सूर्य, चंद्रमा, ग्रह, नक्षत्र और ताराप्रश्न- १६ स्वर्गों के ऊपर क्या है?
उत्तर- १६ स्वर्गों के ऊपर नव ग्रैवेयक, नव अनुदिश, पाँच अनुत्तर है और उन सबके ऊपर सिद्धशिला है जहाँ अनंतानंत सिद्ध भगवान विराजमान हैं।प्रश्न- लौकान्तिक देव कौन से स्वर्ग में होते हैं?
उत्तर- लौकान्तिक देव ब्रह्म नामक पंचम स्वर्ग में रहते हैं।प्रश्न- दो भव धारण कर मोक्ष जाने वाले कौन से देव होते हैं?
उत्तर- विजय, वैजयन्त, जयन्त और अपराजित स्वर्ग के देव दो भव धारण कर मोक्ष जाने वाले हैं।प्रश्न- कौन से देव वाहन बनते हैं?
उत्तर- अभियोग्य जाति के देव वाहन बनते हैं।प्रश्न- देव मरकर कौन सी गति में जन्म लेते हैं?
उत्तर- देव मरकर मनुष्य और तिर्यंच गति में जन्म ले सकता है।प्रश्न- सौधर्म इन्द्र कौन से स्वर्ग में होता है?
उत्तर- सौधर्म इंद्र प्रथम स्वर्ग ‘सौधर्म स्वर्ग’ में होता है।प्रश्न- सौधर्म इन्द्र के हाथी का नाम बताओ?
उत्तर- सौधर्म इन्द्र के हाथी का नाम ‘ऐरावत’ है।प्रश्न- सिद्धशिला का व्यास कितना है?
उत्तर- सिद्धशिला का व्यास ४५ लाख योजन है।प्रश्न- भवनवासी के गृहों में अकृत्रिम चैत्यालय कितने हैं?
उत्तर- भवनवासी के गृहों में ७७२००००० प्रमाण जिनमंदिर हैं जिनमें १०८-१०८ जिनप्रतिमाऐं हैं।प्रश्न- स्वर्ग के देवों के कितने ज्ञान होते हैं?
उत्तर- स्वर्ग के देवों के ३ ज्ञान होते हैं, वे ज्ञान-मति, श्रुत, अवधि।प्रश्न-मोक्ष कौन-कौन से क्षेत्र में होता है?
उत्तर मोक्ष भरत, ऐरावत और विदेह क्षेत्र में होता है।प्रश्न- देवों की कितनी इन्द्रियाँ होती हैं?
उत्तर- देवों की पाँच ही इन्द्रियाँ होती है।प्रश्न- कौन-कौन से स्वर्ग के देव एक भवनवासी होते हैं?
उत्तर- सौधर्म स्वर्ग के इन्द्र, शची इन्द्राणी, दक्षिण इन्द्रों के चारों लोकपाल, लौकान्तिक देव एवं सर्वाद्र्धसिद्धि के देव नियम से एक भवावतारी होते है।प्रश्न- सर्वार्थसिद्धि के देव कितने भवावतारी होते हैं?
उत्तर- सर्वार्थसिद्धि के देव एक भवावतारी होते हैं।प्रश्न- स्वर्गों की कम से कम व अधिक से अधिक आयु कितनी है?
उत्तर- स्वर्गों की जघन्य आयु १० हजार वर्ष एवं उत्कृष्ट आयु ३१ सागर है।प्रश्न- देवों का कौन सा शरीर होता है?
उत्तर- देवों का शरीर वैक्रियक होता है।प्रश्न- देवियाँ कौन से स्वर्ग तक होती हैं?
उत्तर- देवियाँ दूसरे स्वर्ग तक होती हैं।प्रश्न- कौन-कौन से स्वर्ग के देव नियम से सम्यक्दृष्टि होते हैं?
उत्तर- नव अनुदिश और पाँच अनुत्तर के देव नियम से सम्यक्दृष्टि होते हैं।प्रश्न- मिथ्यादृष्टि मरकर कौन से स्वर्ग तक जा सकते हैं?
उत्तर- मिथ्यादृष्टि मरकर नौ ग्रैवेयक तक जा सकते हैं।प्रश्न- देवों का जन्म कैसा होता है?
उत्तर- देवों का जन्म उपपाद शैय्या से होता है।प्रश्न- देवों के कौन-कौन से वेद होते हैं?
उत्तर- देवों के पुरुषवेद और स्त्रीवेद ऐसे दो वेद होते हैं।प्रश्न- देवियाँ कहाँ जन्म लेती हैं?
उत्तर- सौधर्म और ईशान स्वर्ग में देवियाँ जन्म लेती हैं।प्रश्न- मध्यलोक में अकृत्रिम चैत्यालय कौन से द्वीप तक होते हैं?
उत्तर- मध्यलोक में अकृत्रिम चैत्यालय अढ़ाई द्वीप तक होते हैं।प्रश्न- इस मध्यलोक सबसे पहले कौन सी नगरी का सृजन हुआ?
उत्तर- इस मध्यलोक में सबसे पहले अयोध्या नगरी का सृजन हुआ।प्रश्न- मध्यलोक के बीच में सबसे प्रथम द्वीप कौन सा है?
उत्तर- मध्यलोक के बीच में सबसे प्रथम द्वीप जम्बूद्वीप है।प्रश्न- सुमेरु पर्वत कितना ऊँचा है?
उत्तर- सुमेरु पर्वत एक लाख ४० योजन ऊँचा है।प्रश्न- जम्बूद्वीप में कितनी कर्म भूमियाँ हैं?
उत्तर- जम्बूद्वीप में १७० कर्म भूमियाँ हैं।प्रश्न- जम्बूद्वीप में कितने म्लेच्छ खण्ड हैं?
उत्तर- जम्बूद्वीप में १७० म्लेच्छ खण्ड हैं।प्रश्न- अढ़ाई द्वीप तक कितने आकृत्रिम चैत्यालय होते हैं?
उत्तर- अढ़ाई द्वीप तक ३९८ अकृत्रिम चैत्यालय हैं”प्रश्न- अंतिम द्वीप व समुद्र का नाम बताओ?
उत्तर- अंतिम द्वीप स्वयम्भूरमण है तथा अंतिम समुद्र स्वयम्भूरमण है।प्रश्न- अंतिम द्वीप में कौन से जीव रहते हैं?
उत्तर- अंतिम द्वीप में असंख्यातों तिर्यंच युगल रहते हैं।प्रश्न- अंतिम समुद्र का व्यास बताओ?
उत्तर- अंतिम समुद्र का व्यास असंख्यात लाख योजन है।प्रश्न- अंतिम समुद्र में पाये जाने वाले महामत्स्य कितने योजन के होते हैं?
उत्तर- अंतिम समुद्र में पाये जाने वाले महामत्स्य एक हजार योजन के होते हैं।प्रश्न- वह कौन सा पर्वत है जिसे मनुष्य लांघ नहीं सकते?
उत्तर- मानुषोत्तर पर्वत को मनुष्य लांघ नहीं सकते।प्रश्न- पाँच मेरुओं के नाम व ऊँचाई बताओ तथा वह कहाँ-कहाँ स्थित हैं?
उत्तर- पाँच मेरुओं के नाम क्रमश: सुदर्शन, विजय, अचल, मन्दर और विधुन्माली हैं इनमें सुदर्शन मेरु विदेह क्षेत्र के बीचों में स्थित है जिसकी ऊँचाई १ लाख ४० योजन है तथा विजय मेरु धातकीखण्ड की पूर्व दिशा में, अचल धातकी खण्ड की पश्चिम दिशा में, मंदर मेरु पूर्व पुष्करार्ध व विधुन्माली मेरु पश्चिम पुष्करार्ध में स्थित है यह चारों मेरुओं की ऊँचाई ८४ हजार योजन है।प्रश्न- ढ़ाई द्वीप के बाहर के द्वीपों में तथा समुद्रों में कौन-कौन से जीव रहते हैं?
उत्तर- ढ़ाई द्वीप के बाहर के द्वीपों में तथा समुद्रों में तिर्यंच जीव रहते हैं।प्रश्न- स्वयम्भूरमण द्वीप के मध्य में कौन सा पर्वत है?
उत्तर- स्वयम्भूरणम द्वीप के मध्य में स्वयम्भूरमण नामका पर्वत है।प्रश्न- जम्बूद्वीप में कितने पर्वत हैं?
उत्तर- जम्बूद्वीप में छ: कुलाचल पर्वत हैं।प्रश्न- छ: पर्वतों के नाम बताओ? साथ ही वर्ण भी बताओ?
उत्तर- छ: पर्वतों के नाम क्रमश: हिमवान्, महाहिमवान, निषध, नील, रूक्मी और शिखरी हैं। इनके वर्ण क्रम से सोना, चांदी, तपाया हुआ सोना, वैडूर्यमणि, चांदी और सोना है।प्रश्न- छह सरोवरों के नाम बताते हुए उसमें निवास करने वाली देवियों के नाम बताओ?
उत्तर- छह सरोवरों में पद्म, महापद्म, तिगिंच्छ, केशरी, पुण्डरीक और महापुण्डरीक में क्रम से श्री, ह्री, धृति, कीर्ति, बुद्धि और लक्ष्मी ऐसी छ: देवियाँ रहती हैं।प्रश्न- सात क्षेत्रों के नाम बताओ?
उत्तर- भरत, हैमवत, हरि, विदेह, रम्यक्, हैरण्यवत और ऐरावत ये सात क्षेत्र हैं।प्रश्न- भरत क्षेत्र का विस्तार कितना है?
उत्तर- भरत क्षेत्र का विस्तार जम्बूद्वीप के विस्तार का १९० वाँ भाग है अर्थात् १०००००· ५२६ ६ योजन है।
प्रश्न- हैमवत क्षेत्र का विस्तार कितना है?
उत्तर- हैमवत क्षेत्र का विस्तार भरतक्षेत्र का चार गुना और हिमवान् पर्वत का दोगुना २१०४-२२३८ योजन है।प्रश्न- लवण समुद्र का विस्तार बताओ?
उत्तर- लवण समुद्र का विस्तार २ लाख योजन है।प्रश्न- धातकी खण्ड का विस्तार बताओ?
उत्तर- धातकी खण्ड ४ लाख योजन है।प्रश्न- जम्बू-शाल्मलि वृक्ष कहाँ पर हैं?
उत्तर- जम्बूद्वीप में देवकुरु और उत्तरकुरु में जम्बू वृक्ष एवं शाल्मलि वृक्ष स्थित हैं।प्रश्न- भरत व ऐरावत क्षेत्र के कितने-कितने खण्ड माने गये हैं?
उत्तर- भरत व ऐरावत क्षेत्र के छ:-छ: खण्ड माने गये हैं-१आर्य खण्ड और ५ म्लेच्छ खण्ड।प्रश्न- विदेह क्षेत्र में कितनी विभंगा नदियाँ हैं?
उत्तर- विदेह क्षेत्र में १२ विभंगा नदियाँ हैं।प्रश्न- विद्यमान बीस तीर्थंकर कहाँ-कहाँ होते हैं?
उत्तर- अढ़ाई द्वीप के पाँचों विदेह क्षेत्रों में ४-४ तीर्थंकर होने से कुल मिलाकर २० तीर्थंकर विदेह क्षेत्रों में होते हैं।प्रश्न- विदेह क्षेत्र कहाँ पर है?
उत्तर- मेरु पर्वत के पूर्व-पश्चिम में विदेह क्षेत्र हैं।प्रश्न- अढ़ाई द्वीप में कितनी भोगभूमियाँ हैं?
उत्तर- अढ़ाई द्वीप में ६ जम्बूद्वीप की, १२ धातकीखण्ड की एवं १२ पुष्करार्ध की इस प्रकार ३० भोगभूमियाँ हैं।प्रश्न- जम्बूद्वीप की चार दिशाओं में महाद्वारों के नाम बतावें?
उत्तर- जम्बूद्वीप की चार दिशाओं के महाद्वार विजय, वैजयन्त, जयंत और अपराजित हैं।प्रश्न- कुलाचल पर्वतों पर क्या-क्या हैं?
उत्तर- कुलाचल पर्वतों पर जिनभवन, देवभवन, सरोवर, कमल, सिद्धकूट व अकृत्रिम चैत्यालय हैं।प्रश्न- कुलाचल पर्वतों की ऊँचाई बताओ?
उत्तर- हिमवान् पर्वत १०० योजन ऊँचा, महाहिमवान् २०० योजन ऊँचा, निषध ४०० योजन ऊँचा, नील पर्वत ४०० योजन ऊँचा, रुक्मी पर्वत २०० योजन ऊँचा और शिखरी पर्वत १०० योजन ऊँचा है।प्रश्न- सुमेरु पर्वत की ऊँचाई बताओ?
उत्तर- सुमेरु पर्वत की ऊँचाई १ लाख ४० योजन है।प्रश्न- सुमेरु पर्वत के चारों तरफ क्या-क्या हैं?
उत्तर- सुमेरु पर्वत के चारों तरफ नदी, सरोवर, जिनमंदिर व देवभवन आदि हैं।प्रश्न- गजदंत पर्वत कहाँ है व कितने होते हैं?
उत्तर- सुमेर पर्वत की चार विदिशाओं में चार गंजदंत पर्वत स्थित हैं।प्रश्न- पद्म सरोवर से कितनी व कौन सी नदियाँ निकलती हैं?
उत्तर- पद्म सरोवर से पश्चिम तोरण द्वार से सिधु नदी, पूर्व तोरण से द्वार से गंगा नदी एवं उत्तर तोरण द्वार से रोहितास्या नदी निकलती है इस प्रकार ये ३ नदियाँ निकलती हैं।प्रश्न- १४ नदियों के नाम बताओ?
उत्तर- गंगा, सिन्धु, रोहित, रोहितास्या, हरित, हरिकान्ता, सीता, सीतोदा, नारी, नरकान्ता, सुवर्णकूला, रूप्यकूला, रक्ता और रक्तोदा ये चौदह नदियाँ हैं।प्रश्न- पुष्करार्ध में कितने सूर्य व कितने चंद्रमा हैं?
उत्तर- पुष्करार्ध में ७२ सूर्य व ७२ चंद्रमा हैं।प्रश्न- दिन-रात का भेद कहाँ-कहाँ नहीं है?
उत्तर- दिन रात का भेद नरक एवं स्वर्ग में नहीं है।प्रश्न- जम्बूद्वीप का विस्तार कितना है?
उत्तर- जम्बूद्वीप का विस्तार एक लाख योजन अर्थात् ४० करोड़ मील है।प्रश्न- जम्बूद्वीप में कितने सूर्य व कितने चंद्रमा हैं?
उत्तर- जम्बूद्वीप में २ सूर्य और २ चंद्रमा हैं।प्रश्न- जम्बूद्वीप के ७८ अकृत्रिम चैत्यालय कहाँ-कहाँ हैं?
उत्तर- सुमेरु के १६, सुमेरु पर्वत की विदिशा में चार गजदंत के ४, हिमवान् आदि षट् कुलाचलों के ६, विदेह क्षेत्र में सोलह वक्षार पर्वतों के १६, विदेह क्षेत्र के बत्तीस विजयार्ध के ३२, भरत ऐरावत के विजयार्ध के २, जम्बू-शाल्मलि वृक्ष के २ इस प्रकार जम्बूद्वीप के ७८ चैत्यालय हैं।प्रश्न- सुमेरु पर्वत पर कितने वन हैं?
उत्तर- सुमेरु पर्वत पर ४ वन हैं-नन्दनवन, सौमनसवन, भद्रसालवन और पाण्डुकवन।प्रश्न- असंख्यात द्वीप समुद्रों के प्रथम व अंतिम समुद्र का नाम बताओ?
उत्तर- प्रथम समुद्र का नाम लवण समुद्र और अंतिम समुद्र का नाम स्वयम्भूरमण समुद्र है।प्रश्न- मनुष्य लोक का व्यास कितना है?
उत्तर- मनुष्य लोक का व्यास ४५ लाख योजन है।प्रश्न- हमसे सुमेरु पर्वत कितने मील दूर है?
उत्तर- हमसे सुमेरु पर्वत २० करोड़ मील दूर है।प्रश्न- द्वीप कितने हैं?
उत्तर- द्वीप असंख्यात हैं।प्रश्न- तेरहद्वीप में कितने अकृत्रित चैत्यालय हैं?
उत्तर- तेरहद्वीप में ४५८ आकृत्रिम चैत्यालय हैं।प्रश्न- मोक्ष कौन-कौन से काल में होता है?
उत्तर- मोक्ष चतुर्थ काल में होता है वर्तमान में भगवान आदिनाथ कालदोष वश तृतीय काल में ही मोक्ष गये हैं।प्रश्न- वर्तमान में मोक्ष जाना सम्भव है या नहीं?
उत्तर- वर्तमान में स्वर्गों में तो जा सकते हैं परन्तु मोक्ष जाना सम्भव नहीं है।प्रश्न- कौन से काल में दोष से इस पंचम काल में विशेष घटनाऐं घटित हुईं?
उत्तर- हुण्डावसर्पिणी दोष वश इस पंचमकाल में विशेष घटनाऐं घटित हुईं।प्रश्न- योजन किसे कहते हैं?
उत्तर- चार कोस को एक योजन कहते हैं।प्रश्न- सागर किसे कहते हैं?
उत्तर- एक करोड़ को एक करोड़ से गुणा करने पर कोड़ा-कोड़ी बनता है ऐसे दस कोड़ाकोड़ी पल्यों का एक सागर होता है।प्रश्न- राजू किसे कहते हैं?
उत्तर- असंख्यातों योजन का एक राजू होता है।प्रश्न- ऊपर सात राजू में क्या-क्या है?
उत्तर- ऊपर सात राजू में १६ स्वर्ग, नौ ग्रैवेयक, नव अनुदिश और पाँच अनुत्तर हैं।प्रश्न- नीचे ७ राजू में क्या-क्या है?
उत्तर- नीचे सात राजू में सबसे पहले मध्यलोक में लगी हुई ‘रत्नप्रभा’ पृथ्वी है उसके बाद एक-एक कर सात नरकहैं।
प्रश्न- हम जिस पृथ्वी पर हैं उस पृथ्वी का नाम बताओ?
उत्तर- हम जिस पृथ्वी पर हैं उस पृथ्वी का नाम ‘चित्रा’ पृथ्वी है।प्रश्न- सूर्य पृथ्वी से कितनी दूरी पर है?
उत्तर- सूर्य पृथ्वी से ८०० योजन दूर अर्थात् ३२००००० मील देर है।प्रश्न- चन्द्रमा का विमान कितनी ऊँचाई पर रहता है?
उत्तर- चंद्रमा का विमान ८८० योजन अर्थात् ३५२०००० मील दूर है।प्रश्न- विजयार्ध पर्वत पर वर्तमान में कौन सा काल है?
उत्तर- विजयार्ध पर्वत पर वर्तमान में चतुर्थ काल है।प्रश्न- प्रलय के समय कितने जोड़े देव सुरक्षित करके कहाँ रखते थे?
उत्तर- प्रलय के समय ७२ जोड़े सुरक्षित करके देव विजयार्ध पर्वत की गुफा में रखते थे।प्रश्न- एक योजन कितने मील का माना जाता है?
उत्तर- एक योजन ८००० मील का माना है।प्रश्न- चन्द्रमा के भ्रमण की कितनी गलियाँ हैं?
उत्तर- चन्द्रमा के भ्रमण की १५ गलियाँ हैं।प्रश्न- सूर्य के भ्रमण की कितनी गलियाँ हैं?
उत्तर- सूर्य के भ्रमण की १८४ गलियाँ हैं।प्रश्न- चन्द्रमा का परिवार बताइये?
उत्तर- इन ज्योतिषी देवों में चंद्रमा इंद्र है, सूर्य प्रतीन्द्र है अत: एक चंद्र के १ सूर्य प्रतीन्द्र, ८८ ग्रह, २८ नक्षत्र, ६६ हजार ९७५ कोड़ाकोड़ी तारे ये सब परिवार देव हैं।प्रश्न- तारा का विमान कितने व्यास का है?
उत्तर- तारा का विमान १/४ कोस अर्थात् २५० मील प्रमाण है।प्रश्न- जीव मूल स्थान कौन सा है और कहाँ है?
उत्तर- जीव का मूल स्थान निगोद है और वह सात नरक के नीचे है।प्रश्न- वर्तमान में मोक्ष कहाँ है?
उत्तर- वर्तमान में मोक्ष की व्यवस्था विदेह क्षेत्र में है।प्रश्न- सात नरक कौन-कौन से हैं?
उत्तर- रत्नप्रभा, शर्कराप्रभा, बाहुकाप्रभा, पंकप्रभा, धूमप्रभा, तम:प्रभा और महातम:प्रभा ये सात नरक हैं।प्रश्न- नरक की उत्कृष्ट व जघन्य आयु कितनी है?
उत्तर- नरक की उत्कृष्ट आयु ३३ सागर व जघन्य आयु १० हजार वर्ष है।प्रश्न- नरकों में नारकियों के रहने की क्या व्यवस्था है?
उत्तर- नरकों में नारकियों के रहने के लिए विल ही आवास रूप में हैं।प्रश्न- नरक की सात पृथ्वियों के नाम बताओ?
उत्तर- धम्मा, वंशा, मेघा, अंजना, अरिष्टा, मघवी और माघवी ये नर्क की सात पृथ्वियाँ हैं।प्रश्न- नरक की पृथ्वियाँ कैसी हैं?
उत्तर- पहली, दूसरी, तीसरी, चौथी और पांचवी पृथ्वी का तिहाई भाग अत्यन्त उष्ण एवं पाँचवी पृथ्वी का एक भाग शेष वाला, छठीं पृथ्वी और सातवीं पृथ्वी अत्यन्त शीत है।प्रश्न- नारकी मरकर कौन सी गति में जन्म ले सकते हैं?
उत्तर- नारकी मरकर मनुष्य एवं तिर्यंच गति में जन्म ले सकते हैं।प्रश्न- नारकियों का जन्म कैसा होता है?
उत्तर- नारकी नर्क में उत्पन्न हो एक मुहूर्त काल में छहों पर्याप्तियों को पूर्ण कर छत्तीस आयुओं के मध्य मे औंधे मुँहगिरकर वहाँ गेंद की तरह उछलता है।
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