कौन-सी गति में कौन-कौन से संस्थान रहते हैं। इसका वर्णन इस अध्याय में है।
1.संस्थान नाम कर्म किसे कहते हैं ?
जिस कर्म के उदय से औदारिक आदि शरीर की आकृति बनती है, उसे संस्थान नाम कर्म कहते हैं।
2. संस्थान कितने प्रकार के होते हैं, परिभाषा सहित बताइए ?
संस्थान छ: प्रकार के होते हैं
- समचतुरस्र संस्थान - जिस नाम कर्म के उदय से शरीर की आकृति बिल्कुल ठीक-ठीक बनती है। ऊपर, नीचे, मध्य में सुन्दर हो, उसे समचतुरस्र संस्थान कहते हैं।
- न्यग्रोध परिमंडल संस्थान - न्यग्रोध नाम वट वृक्ष का है, जिसके उदय से शरीर में नाभि से नीचे का भाग पतला और ऊपर का भाग मोटा हो, उसे न्यग्रोध परिमंडल संस्थान कहते हैं।
- स्वाति संस्थान - स्वाति नाम वल्मीक (सर्प की बाँबी) या शाल्मली वृक्ष का है। जिसके उदय से शरीर में नाभि से नीचे का भाग मोटा और ऊपर का भाग पतला होता है, उसे स्वाति संस्थान कहते हैं।
- कुब्जक संस्थान - जिस कर्म के उदय से जीव का शरीर कुबड़ा हो, उसे कुब्जक संस्थान कहते हैं। या जिस कर्म के उदय से शाखाओं में दीर्घता और मध्य भाग में हृस्वता होती है, उसे कुब्जक संस्थान कहते हैं। (ध-पु.,6/71)
- वामन संस्थान - सर्व अंग व उपांगो को जो छोटा बनाने में कारण होता है, उसे वामन संस्थान कहते हैं। या जिस कर्म के उदय से शाखाओं में हृस्वता और शरीर के दीर्घता होती है, उसे वामन संस्थान कहते हैं। (धपु, 6/72)
- हुण्डक संस्थान - जिसके उदय से शरीर का आकार बेडौल हो, उसे हुण्डक संस्थान कहते हैं। (रा.वा., 8/8)
3. नरकगति में कौन-सा संस्थान रहता है ?
नरकगति में हुण्डक संस्थान रहता है।
4. तिर्यञ्चगति में कितने संस्थान रहते हैं ?
तिर्यच्चगति में छ: संस्थान रहते हैं।
5. एकेन्द्रिय से असंज्ञी पञ्चेन्द्रिय तक के जीवों में कौन-सा संस्थान रहता है ?
एकेन्द्रिय से असंज्ञी पञ्चेन्द्रिय तक के जीवों में हुण्डक संस्थान रहता है।
6. मनुष्यगति में कितने संस्थान रहते हैं ?
मनुष्यगति में छ: संस्थान रहते हैं।
7. देवगति में कौन-सा संस्थान रहता है ?
देवगति में समचतुरस्र संस्थान रहता है।
8. तीर्थंकरो के कौन-सा संस्थान रहता है ?
तीर्थंकरो के समचतुरस्र संस्थान रहता है।
9. भोगभूमि में कौन-सा संस्थान रहता है ?
भोगभूमि में समचतुरस्र संस्थान रहता है।
10. कौन से संस्थान कौन-कौन से गुणस्थानों तक रहते हैं ?
प्रथम गुणस्थान से तेरहवें गुणस्थान तक सभी छ: संस्थान होते हैं, किन्तु एक जीव में एक ही संस्थान रहता है।
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