7 तत्त्वों का स्वरूप !! 7 Tattvon ka svarup !!


प्रश्न- तत्त्व किसे कहते हैं?

उत्तर- वस्तु के यथार्थ स्वभाव को तत्त्व कहते हैं?

प्रश्न- उसके कितने भेद हैं?

उत्तर- उसके सात भेद हैं-जीव, अजीव, आस्रव, बंध, संवर, निर्जरा और मोक्ष।

प्रश्न- जीव किसे कहते हैं?

उत्तर- जिसमें ज्ञान दर्शन रूप भाव प्राण और इंद्रिय, बल, आयु, श्वासोच्छवास रूप द्रव्य प्राण पाये जाते हैं वह जीव है।

प्रश्न- अजीव का लक्षण बताओ?

उत्तर- इसके विपरीत लक्षण वाला अजीव तत्त्व है अर्थात् जीव से भिन्न पाँचों द्रव्य अजीव हैं।

प्रश्न- आस्रव की परिभाषा भेद सहित बताओ?

उत्तर- रागदेषादि भावों के कारण आत्म प्रदेशों में आना आस्रव है। इसके दो भेद हैं-१. भाव आस्रव २. द्रव्य आस्रव।

प्रश्न- द्रव्यास्रव और भावास्रव की परिभाषा लिखो?

उत्तर- आत्मा के जिन भावों से कर्म आते हैं उन भावों को भावास्रव और पुद्गलमय कर्मपरमाणुओं के आने को द्रव्यास्रव कहते हैं।

प्रश्न- बंध का लक्षण और भेद बताओ?

उत्तर- आये हुए कर्मों का आत्मा के साथ एकमेक हो जाना बंध है उसके भी दो भेद हैं-१. भाव बंध २. द्रव्य बंध।

प्रश्न- भावबंध और द्रव्यबंध किसे कहते हैं उदाहारण सहित बताओ?

उत्तर- आत्मा के जिन परिणामों से कर्मबंध होता है वह भावबंध है और कर्म परमाणुओं का आत्मा के प्रदेशों में दूध-पानी के सदृश एकमेक हो जाना द्रव्य बंध है।

प्रश्न- संवर क्या है? इसके भेद बताओ?

उत्तर- आते हुए कर्मों का रुक जाना संवर है उसके दो भेद हैं-भावसंवर और द्रव्यसंवर।

प्रश्न- द्रव्यसंवर और भावसंवर का लक्षण बताओ?

उत्तर- जिन समिति, गुप्ति आदि भावों से कर्म रुक जाते हैं वह भाव संवर है और पुद्गलमय कर्मों का आगमन रुक जाना द्रव्य संवर है।

प्रश्न- मोक्ष क्या है? क्या इसके भी भेद हैं, अगर हैं तो कौन-कौन से हैं परिभाषा सहित लिखो?

उत्तर- सम्पूर्ण कर्मों का आत्मा से छूट जाना मोक्ष है इसके दो भेद हैं भाव मोक्ष व द्रव्य मोक्ष। आत्मा के जिन भावों से सम्पूर्ण कर्म अलग होते हैं वह भाव मोक्ष है और सम्पूर्ण कर्मों का आत्मा से छूट जाना द्रव्य मोक्ष है।

प्रश्न- नव पदार्थ कौन-कौन से हैं?

उत्तर- इन्हीं सात पदार्थों में पुण्य और पाप को मिला देने से नव पदार्थ कहलाते हैं।

प्रश्न- पुण्य किसे कहते हैं?

उत्तर- जो आत्मा को पवित्र करे या सुखी करे उसे पुण्य कहते हैं।

प्रश्न- पाप किसे कहते हैं?

उत्तर- जिसके उदय से जीव को दु:खदायक सामग्री मिले वह पाप है।

प्रश्न- संसार परिभ्रमण के कारण तत्त्व कौन-कौन से हैं।

उत्तर- आस्रव और बंध संसार के कारण हैं।

प्रश्न- मोक्ष के लिए कारण तत्त्व कौन से हैं?

उत्तर- संवर और निर्जरा मोक्ष के लिए कारण तत्त्व हैं।

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