प्रश्न- द्रव्य कितने होते है नाम बताओ?
उत्तर- द्रव्य छ: होते हैं-जीव, पुद्गल, धर्म, अधर्म, आकाश और काल।प्रश्न- द्रव्य का लक्षण बताओ?
उत्तर- ‘‘सद्द्रव्य लक्षणं’’ द्रव्य का लक्षण सत् है।प्रश्न- द्रव्य का दूसरा लक्षण क्या है?
उत्तर- ‘गुणपर्ययवद् द्रव्यं’ गुण और पर्यायों के समुदाय को द्रव्य कहते हैं।प्रश्न- ‘सत्’ क्या है?
उत्तर- ‘उत्पाद-व्यय-ध्रौव्ययुक्तं सत्’ जिसमें उत्पाद, व्यय और ध्रौवय पाया जाय वह सत् है।प्रश्न- उत्पाद किसे कहते हैं?
उत्तर- द्रव्य में नवीन पर्याय की उत्पत्ति को उत्पाद कहते हैं। जैसे-जीव की देव पर्याय का उत्पाद।प्रश्न- व्यय किसे कहते हैं?
उत्तर- पूर्व पर्याय के विनाश को व्यय कहते हैं। जैसे-जीव की मनुष्य पर्याय का विनाश।प्रश्न- ध्रौव्य का लक्षण उदाहरण सहित बताओ?
उत्तर- पूर्व पर्याय का विनाश और नवीन पर्याय का उत्पाद होने पर भी सदा बनने रहने वाले मूल स्वभाव को ध्रौव्य कहते हैं। उदाहरण स्वरूप जीव की मनुष्य तथा देव दोनों पर्यायों में जीवत्व का रहना। ये तीनों अवस्थाएँ एक समय में ही होती हैं।प्रश्न- गुण किसे कहते हैं उसके कितने भेद हैं?
उत्तर- जो द्रव्य के साथ-साथ रहते हैं वे गुण कहलाते हैं जैस जीव का अस्तित्व या ज्ञानादि। उसके दो भेद हैं-१. सामान्य २. विशेषप्रश्न- सामान्य गुण किसे कहते हैं?
उत्तर- जो सभी द्रव्यों के सामान्य रूप से पाये जाते हैं वे सामान्य गुण हैं जैसे अस्तित्व गुण सभी द्रव्यों में समान रूप से रहता है।प्रश्न- ‘अस्तित्व’ का अर्थ क्या है?
उत्तर- अस्तित्व का अर्थ है ‘‘विद्यमान अवस्था’’।प्रश्न- विशेष गुण का मतलव उदाहरण सहित बताओ?
उत्तर- जो दूसरों में न पाये जायें वे विशेष गुण हैं जैसे-जीव के ज्ञान दर्शन और पुद्गल के रूप रस आदि।प्रश्न- पर्याय किसे कहते हैं?
उत्तर- जो क्रम से हों वह पर्यायें हैं।प्रश्न- पर्याय के कितने भेद हैं?
उत्तर- पर्याय के दो भेद हैं-१. अर्थ पर्याय २. व्यञ्जन पर्यायप्रश्न- अर्थ पर्याय क्या है?
उत्तर- प्रत्येक द्रव्यों में जो प्रतिक्षण सूक्ष्म परिणमन होता है वह अर्थ पर्याय है। यह मन और वचन के अगोचर हैं।प्रश्न- व्यंजन पर्याय का लक्षण बताओ?
उत्तर- जीव और पुद्गल की स्थूल पर्यायों को व्यंजन पर्याय कहते हैं। जैसे जीव की मनुष्य देव आदि पर्यायें और पुद्गल की चौकी पुस्तक आदि पर्यायें स्थूल हैं।प्रश्न- ‘‘द्रव्याकाया निर्गुणा गुणा:’’ का अर्थ तत्त्वार्थसूत्र के आधार से बतावें?
उत्तर- जो निरंतर द्रव्य में रहते हैं और गुणरहित हैं वे गुण हैं।प्रश्न- जीव द्रव्य किसे कहते हैं?
उत्तर- ‘उपयोगो लक्षणं’ जीव का लक्षण उपयोग है।प्रश्न- जीव के कितने भेद हैं?
उत्तर- जीव के दो भेद हैं-१. ज्ञानोपयोग २. दर्शनोपयोगप्रश्न- ज्ञानोपयोग के कितने भेद हैं?
उत्तर- ज्ञानोपयोग के आठ भेद हैं—मति, श्रुत, अवधि, मन:पर्यय और केवल ये ५ ज्ञान तथा कुमति, कुश्रुत और कुअवधि ये तीन अज्ञान।प्रश्न- दर्शनोपयोग के कितने भेद हैं?
उत्तर- दर्शनोपयोग के चार भेद हैं—चक्षुदर्शन, अचसुदर्शन, अवधिदर्शन और केवलदर्शन।प्रश्न- पुद्गल किसे कहते हैं? इसके कितने भेद हैं?
उत्तर- जिसमें हमेशा पूरण और गलन पाया जाय वह पुद्गल है इसके दो भेद हैं—अणु और स्कंध।प्रश्न- अणु किसे कहते हैं?
उत्तर- पुद्गल के सबसे छोटे अविभागी हिस्से को अणु या परमाणु कहते हैं।प्रश्न- अविभागी किसे कहते हैं?
उत्तर- जिसका दूसरा भाग न हो सके वह अविभागी है।प्रश्न- स्कंध किसे कहते हैं?
उत्तर- दो या तीन से लेकर संख्यात, असंख्यात या अनंत परमाणुओं बने पुद्गल पिंड को स्वंâध कहते हैं।प्रश्न- पुद्गल के मुख्य चार गुण कौन से हैं?
उत्तर- पुद्गल के मुख्य चार गुण हैं-स्पर्श, रस, गंध और वर्ण।प्रश्न- पुद्गल के उत्तर गुण कितने हैं, नाम बताओ?
उत्तर- पुद्गल के उत्तर गुण बीस हैं जिसमें स्पर्श के आठ भेद-हल्का, भारी, कड़ा, नरम, रूखा, चिकना, ठंडा और गर्म। रस के भेद हैं-खट्टा, मीठा, कडुवा, चरपरा और कषायला। गंध के दो भेद हैं-सुगंध और दुर्गन्ध और वर्ण के ५ भेद हैं-काला, पीला, नीला, लाल और सफेद।प्रश्न- धर्म द्रव्य का लक्षण बताओ?
उत्तर- जो जीव और पुद्गलों को चलने में सहकारी हो वह धर्म द्रव्य है जैसे-मछली को चलने में जल सहकारी है।प्रश्न- अधर्म द्रव्य की परिभाषा उदाहरण सहित बताओ?
उत्तर- जो जीव और पुद्गलों को ठहरने में सहकारी हो वह अधर्म द्रव्य है। जैसे-चलते हुए पथिक को ठहरने में वृक्ष की छाया सहकारी है।प्रश्न- आकाश द्रव्य का क्या लक्षण है?
उत्तर- जो समस्त द्रव्यों को अवकाश देता है वह आकाश द्रव्य है।प्रश्न- आकाश द्रव्य के दो भेद कौन से हैं?
उत्तर- आकाश द्रव्य के दो भेद हैं-१. लोकाकाश २. अलोकाकाश।प्रश्न- काल द्रव्य का लक्षण भेद सहित बताओ?
उत्तर- जो सभी द्रव्यों के परिणमन-परिवर्तन में सहायक हो वह कालद्रव्य है। इसके दो भेद हैं-निश्चयकाल और व्यवहारकाल।प्रश्न- निश्चयकाल किसे कहते हैं?
उत्तर- वर्तना लक्षण वाला निश्चयकाल है।प्रश्न- व्यवहार काल कौन-कौन से हैं?
उत्तर- घड़ी, घंटा, दिन, महीना आदि व्यवहारकाल हैं।प्रश्न- जीव द्रव्य कितने माने हैं?
उत्तर- जीव द्रव्य अनंतानंत हैं।प्रश्न- पुद्गल द्रव्य कितने हैं?
उत्तर- पुद्गल द्रव्य भी जीव से अनंतगुणें अनंतानंत हैं।प्रश्न- धर्म, अधर्म, आकाश और काल कितने-कितने हैं?
उत्तर- धर्म द्रव्य, अधर्म द्रव्य और आकाश द्रव्य एक-एक तथा अखण्ड हैं काल द्रव्य असंख्यात हैं।प्रश्न- द्रव्यों की प्रदेश संख्या बतावें?
उत्तर- जीव द्रव्य, धर्म, अधर्म और लोकाकाश के असंख्यात प्रदेश है। पुद्गल एक से लेकर संख्यात, असंख्यात और अनंतप्रदेशी हैं। अलोकाकाश के अनंत भेद हैं और कालद्रव्य एक प्रदेशी है।प्रश्न- अस्तिकाय किसे कहते हैं?
उत्तर- जो अस्ति अर्थात् विद्यमान हो अर्थात् सत् लक्षण वाला हो वह अस्ति है और बहु प्रदेशों को काय कहते हैं।प्रश्न- कौन-कौन से द्रव्य अस्तिकाय हैं?
उत्तर- प्रारंभ के पाँच द्रव्य अस्तिकाय हैं, काल द्रव्य अस्ति रूप तो है किन्तु काय यानी बहुप्रदेशी न होने सेअस्तिकाय नहीं है।

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