भगवान पार्श्वनाथ दस भव प्रश्नोत्तरी (भाग- 4 ) !! Bhagawan Parshvnath Das Bhav Prashnottari (Part - 4) !!

 

(चौथा भव)


प्रश्न १ -शशिप्रभ देव ने स्वर्ग से च्युत होकर कौन सी पर्याय में जन्म धारण किया?
उत्तर –शशिप्रभ देव स्वर्ग से च्युत होकर विध्याधर राजा विध्युतगति की महारानी विध्युन्माली से अग्निवेग नामक बालक के रूप में जन्मा।
 
प्रश्न २ -राजा विध्युन्माली कहाँ के राजा थे?
उत्तर –जम्बूव्दीप के पूर्व विदेह में पुष्कलावती देश के विजयार्ध पर्वत के लोकोत्तम नामक नगर के राजा थे।
 
प्रश्न ३ -कुमार अग्निवेग को वैराग्य कब हुआ?
उत्तर –राज्य संपदा को भोगते हुए सहसा भरी जवानी में ही उन्हें वैराग्य उत्पन्न हो गया।
 
प्रश्न ४ -उन्होंने किन गुरु से दीक्षा ग्रहण की?
उत्तर –उन्होंने समाधिगुप्त मुनिराज के समीप धर्मश्रवण कर पंचेन्द्रिय विषयों को विषवत् विषम समझकर तत्क्षण ही तृणवत्, उनका त्याग कर दिया और पंचमहाव्रतों को प्राप्त कर अपने आप में कृतकृत्य हो गये।
 
प्रश्न ५ -दीक्षा लेने के पश्चात् उन्होंने क्या किया?’
उत्तर –दीक्षा के पश्चात् वे अग्निवेग महामुनि घोरातिघोर तपश्चरण करने लगे।
 
प्रश्न ६ -कमठ के जीव उस नारकी ने मरकर कहाँ जन्म लिया?
उत्तर –कमठ के जीव उस नारकी ने मरकर भयंकर अजगर के रूप में जन्म लिया।
 
प्रश्न ७ -क्या उस अजगर ने इस जन्म में भी मरुभूति के जीव पर उपसर्ग किया?
उत्तर –उस अजगर ने मुनि को देखते ही इस जन्म में भी उपसर्ग करते हुए क्रोध से भयंकर होकर उन्हें निगल लिया।
 
प्रश्न ८ -उपसर्ग सहन करते हुए वे मुनि इस नश्वर शरीर का त्याग कर कहाँ जन्मे?
उत्तर –मुनिराज परम समताभाव से इस नश्वर शरीर से छूटकर सोलहवें स्वर्ग के पुष्कर विमान में देव हो गए।
 

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