भगवान पार्श्वनाथ दस भव प्रश्नोत्तरी (भाग- 3 ) !! Bhagawan Parshvnath Das Bhav Prashnottari (Part - 3) !!

 

(तीसरा भव)


प्रश्न १ -देवों को जन्म से कितने ज्ञान होते हैं?
उत्तर –देवों को जन्म से मति, श्रुत व अवधि, ऐसे तीन ज्ञान होते हैं।
 
प्रश्न २ -स्वयंप्रभ विमान में जन्में शशिप्रभ देव ने सर्वप्रथम क्या किया?
उत्तर –देव ने सर्वप्रथम मंगल स्नान कर वस्त्रालंकारों से सुसज्जित हो जिनप्रतिमाओं की पूजा की।
 
प्रश्न ३ -उस देव की आयु कितनी थी?
उत्तर –१६ सागर।
 
प्रश्न ४ -शशिप्रभ देव की आहार प्रक्रिया बताइये?
उत्तर –शशिप्रभ देव का अनुपम मानसिक आहार था, सोलह हजार वर्ष के व्यतीत होने पर भोजन की इच्छा होती थी और उसी समय कंठ से अमृत झर जाता था जिससे उसकी तृप्ति हो जाती थी।
 
प्रश्न ५ -उसकी श्वासोच्छ्वास प्रक्रिया क्या थी?
उत्तर –सोलह पक्ष (८ महीना) बीतने के बाद वह देव श्वासोच्छ्वास ग्रहण करता था।
 
प्रश्न ६ -उसका अवधिज्ञान कहाँ तक था?
उत्तर –चतुर्थ नरक पर्यंत उसका अवधिज्ञान था।
 
प्रश्न ७ -उस देव की कितनी ऋद्धियाँ थीं?
उत्तर –उस देव की अणिमा, महिमा आदि आठ ऋद्धियाँ थीं।
 
प्रश्न ८ -देव शशिप्रभ की नित्य चर्या क्या थी?
उत्तर –कभी वह देव सुदर्शन मेरु पर जाकर सोलह चैत्यालयों की वंदना करता था, कभी वह नंदीश्वर द्वीप मे बावन चैत्यालयों में पूजा करता था, कभी तीर्थंकरों के पंचकल्याणकों के अवसर पर भक्तिभाव से भाग लेता था, कभी चारणऋद्धिधारी मुनियों की वंदना करके उनसे उपदेश सुनता था, कभी अपने सच्चे गुरु अरविन्द मुनिराज की पूजा करता था, कभी यहाँ मध्यलोक में आकर सम्मेदशिखर की वंदना कर असीम पुण्य का संचय करता था। कभी देवांगनाओं के साथ क्रीड़ा, तो कभी नंदनवन में विचरण करते हुए अपूर्व पुण्य के फल का उपभोग करता था।
 
प्रश्न ९ -कमठ का जीव कुक्कुट सर्प मरकर कहाँ गया?
उत्तर –कुक्कुट सर्प अपनी आयु पूर्ण करके रौद्रध्यान रूप अशुभ परिणामों से मरा और पांचवें नरक में गया।
 
प्रश्न १०-क्या नरक में मात्र दु:ख ही दु:ख है या कोई सुख भी है?
उत्तर –नरक में इतना असह्य दु:ख है कि वहाँ के दु:खों का वर्णन यदि करोड़ों जिह्वा बनाकर भी सरस्वती देवी करने लगे तो भी वह असमर्थ हो जावेगी। वहाँ सुुख लेशमात्र भी नहीं है।
 
प्रश्न ११-क्या नारकी जीवों का जन्म देवों की भांति उपपाद शैय्या पर होता है?
उत्तर –नहीं, नारकी जीव जन्म लेते ही अधोमुख गिरते ही उछलता है और पुन: गिरता है, उस समय वहाँ की पृथ्वी का स्पर्श भी इतना भयंकर होता है कि मानो हजारों बिच्छुओं ने एक साथ ही डंक मार दिया हो।
 
प्रश्न १२-नरक की मिट्टी कैसे है?
उत्तर –नरक की दुर्गन्धित मिट्टी यदि यहाँ आ जाए तो कई कोसों तक जीव मर जावें।
 
प्रश्न १३-उस नारकी जीव की आयु कितने सागर प्रमाण है?”’
उत्तर –वहाँ इसकी आयु सत्रह सागर प्रमाण है।
 

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