दीक्षा कविता (Heart Touching)- जैन कविता !! - Jain Poetry !!

 

मार्ग है दुश्वार, खांडे की धार है
संभल संभल के कदम बढ़ाना, पग पग पर शूल है
ऊपर तपता सूरज, नीचे धड़कते अंगारे है
विचलित न होना तुम, क्षमाभाव तुम अपनाना
है पारख कुल की सपना, तुझे देते आशीष हज़ार
पथ के कांटे सारे फूल बने यही हमारी शुभकामनायें है
विघ्न हज़ार आयेंगे, तुम कभी न घबराना
है मोक्ष मार्ग की साधिका तुझे सत सत नमस्कार है।

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